हर साल जुलाई का महीना आते ही Taxpayer के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। लेकिन इस साल FY 2024-25 (AY 2025-26) के लिए ITR-2 और ITR-3 फॉर्म की देरी ने कई लोगों को परेशान कर दिया है। अगर आप भी सोच रहे हैं कि आखिर ITR-2 और ITR-3 क्या है और इसकी देरी क्यों हो रही है, तो यह ब्लॉग आपके लिए है। हम आपको आसान भाषा में सारी जानकारी देंगे ताकि आप इस मुद्दे को अच्छे से समझ सकें। तो चलिए, शुरू करते हैं!
ITR-2 और ITR-3 क्या है?
ITR यानी इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म विभिन्न प्रकार के टैक्सपेयर्स के लिए डिजाइन किए गए हैं। हर किसी की Income के स्रोत के आधार पर अलग-अलग फॉर्म इस्तेमाल होते हैं। आइए जानते हैं ITR-2 और ITR-3 के बारे में:
ITR-2 क्या है?
- कौन भर सकता है? यह फॉर्म उन व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF) के लिए है जिनकी आय में सैलरी, एक से ज्यादा हाउस प्रॉपर्टी से आय, कैपिटल गेन्स (शेयर या म्यूचुअल फंड से मुनाफा), विदेशी आय या अनलिस्टेड शेयर शामिल हैं।
- कौन नहीं भर सकता? जिनकी आय बिजनेस या प्रोफेशन से आती हो, वे इस फॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर सकते।
- उदाहरण: अगर आपकी सैलरी के साथ-साथ स्टॉक मार्केट से मुनाफा है, तो ITR-2 आपके लिए सही है।
ITR-3 क्या है?
- कौन भर सकता है? यह फॉर्म उन लोगों के लिए है जो स्व-रोजगार (Self Employed) हैं, जैसे डॉक्टर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट, या फर्म के पार्टनर। इसमें बिजनेस या प्रोफेशनल इनकम, कैपिटल गेन्स और अन्य स्रोतों से आय शामिल होती है।
- उदाहरण: अगर आप एक फ्रीलांसर हैं या अपनी दुकान चलाते हैं, तो ITR-3 आपके लिए है।
दोनों फॉर्म जटिल आय संरचना वाले लोगों के लिए हैं, इसलिए इनके फाइलिंग में ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
ITR-2 और ITR-3 में देरी क्यों हो रही है?
आमतौर पर ITR फाइलिंग 1 अप्रैल से शुरू हो जाती है, लेकिन इस साल ITR-2 और ITR-3 के लिए यूटिलिटी (ऑनलाइन/ऑफलाइन टूल्स) अभी तक रिलीज नहीं हुई है। इसका कारण क्या है? आइए सच जानते हैं:
- बड़े बदलाव और तकनीकी अपग्रेड:
- 2024 के बजट में कैपिटल गेन्स टैक्सेशन में बड़े बदलाव किए गए हैं। अब आपको 23 जुलाई 2024 से पहले और बाद में हुई कमाई को अलग-अलग रिपोर्ट करना होगा।
- इसके अलावा, डिडक्शन, एग्जेंप्शन और TDS सेक्शन कोड्स की विस्तृत जानकारी देनी होगी। इन बदलावों के लिए सॉफ्टवेयर और सिस्टम को अपडेट करने में वक्त लग रहा है।
- इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को नई डेटा फॉर्मेट और वैलिडेशन नियम लागू करने में देरी हो रही है।
- सिस्टम की तैयारी:
- CBDT (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) ने माना है कि ITR फॉर्म में बड़े बदलाव होने के कारण सिस्टम को तैयार करने और टेस्टिंग में अतिरिक्त समय चाहिए।
- इसलिए ITR फाइलिंग की डेडलाइन को 31 जुलाई 2025 से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया गया है ताकि टैक्सपेयर्स को राहत मिले।
- पिछले सालों का ट्रेंड:
- पिछले सालों में भी तकनीकी देरी की वजह से डेडलाइन बढ़ाई गई थी। इस बार भी यही पैटर्न नजर आ रहा है।
देरी से क्या परेशानी हो रही है?
- टैक्सपेयर्स का समय बर्बाद: कई लोग अपने रिफंड का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन देरी की वजह से प्रक्रिया रुकी हुई है।
- CA और प्रोफेशनल्स पर दबाव: चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को क्लाइंट्स के कॉल्स का सामना करना पड़ रहा है, जबकि वे भी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।
- Refund में देरी: देर से फाइलिंग करने वालों को रिफंड में देरी का सामना करना पड़ सकता है।
आपको क्या करना चाहिए?
- धैर्य रखें: ITR-2 और ITR-3 की यूटिलिटी जुलाई के आखिरी हफ्ते या अगस्त की शुरुआत में रिलीज होने की उम्मीद है। ऑफिशियल वेबसाइट (incometax.gov.in) पर नजर रखें।
- दस्तावेज तैयार करें: फॉर्म 16, कैपिटल गेन्स की डिटेल्स, TDS सर्टिफिकेट आदि इकट्ठा कर लें ताकि जैसे ही यूटिलिटी आए, फाइलिंग शुरू हो सके।
- विशेषज्ञ से सलाह लें: अगर आपकी आय जटिल है, तो चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद लें।
निष्कर्ष: सच क्या है?
ITR-2 और ITR-3 में देरी तकनीकी और नीतिगत बदलावों का नतीजा है, न कि किसी की लापरवाही का। सरकार ने डेडलाइन बढ़ाकर टैक्सपेयर्स को राहत दी है, लेकिन जल्द से जल्द यूटिलिटी रिलीज करना जरूरी है ताकि लोग समय पर फाइलिंग कर सकें। अगर आपको और सवाल हैं, तो कमेंट में पूछें—हम आपकी मदद करेंगे!
अपडेट के लिए बने रहें: incometax.gov.in पर विजिट करें।
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